शेयर बाजार में बेहद कम समय में रुपये लगाकर अमीर बनने का ख्वाब देखने वाले युवा अपना फायदा कम नुकसान ज्यादा कर रहे हैं। future and option की हीरो-जीरो स्ट्रेटजी में शहर के युवाओं को 250 करोड़ रुपये की चपत लगी है। SEBI की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है। इस तरह की ट्रेडिंग को कम करने के लिए बजट में कर भी बढ़ाया गया है जो सर्कार द्वारा बहुत गलत कदम है.
SHARE MARKET में अचानक होने वाले किसी बड़ी उठापटक से बचाव और जोखिम प्रबंधन के लिए नियत से वायदा कारोबार (FUTURE AND OPTION) शुरू किया गया था। समय बीतने के साथ वायदा बाजार खासतौर पर ऑप्शन ट्रेडिंग सट्टेबाजी का प्रोडक्ट बन गया है। सेबी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023-24 में केवल निफ्टी इंडेक्स में ट्रेडिंग से कानपुर समेत देश के 92.53 लाख रिटेल निवेशकों और प्रोपराइटरशिप फर्मों को 51,687 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। 14.23 लाख ट्रेडर्स को फायदा भी हुआ है।
कानपुर की बात करें तो पिछले वर्ष NSE के कैश सेगमेंट में शहर की हिस्सेदारी करीब 0.50 प्रतिशत थी। इस आधार पर FUTURE AND OPTION के आकलन के मुताबिक इस तरह की ट्रेडिंग करने वालों को वर्ष 2023-24 में करीब 250 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। जानकारों का कहना है कि के ट्रेडर्स को सबसे ज्यादा नुकसान वायदा एक्सपायरी के दिन फटाफट कमाई के चक्कर में HERO ZERO स्ट्रेटजी से होता है। SEBI की रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह के सौदे औसतन 30 मिनट के लिए किए जाते हैं और इनमें से हर 10 सौदों में से नौ में फ्यूचर एंड ऑप्शन के ट्रेडर्स को नुकसान होता है।
वायदा एक्सपायरी के दिन कम कीमत वाले ऑप्शन खरीदे जाते हैं और बाजार बंद होने तक इंतजार किया जाता है। इस बीच ऑप्शन की कीमत या तो जीरो (शून्य) हो जाती है या फिर तेजी से कई गुना बढ़ जाती है। हीरो-जीरो स्ट्रेटजी के तहत युवा एक ही दिन में एक ही शेयर के कॉल और पुट ऑप्शन ले लेते हैं। हालांकि कई बार ऑप्शन खरीदने में नुकसान की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
इसलिए आकर्षित होते हैं युवा ट्रेडर्स……….
– कम समय और लागत में ज्यादा कमाई की चाहत
– ऑप्शन खरीदने पर सीमित नुकसान और असीमित फायदे की संभावनाएं
– टेक्नोलॉजी के माध्यम से कहीं से भी ट्रेडिंग करना संभव
– सोशल मीडिया पर बंपर फायदे वाले रील्स देखकर
23 जुलाई को पेश हुए बजट में सरकार ने वायदा ऑप्शन के बिक्री पर सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) को 0.0625 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.1 प्रतिशत कर दिया गया है। वायदा की बिक्री पर सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स (एसटीटी) को 0.0125 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.02 प्रतिशत कर दिया गया है।
FUTURE AND OPTION में सट्टेबाजी को नियंत्रित करने के लिए सेबी ने कई बिंदुओं पर सुझाव मांगे हैं। यह अच्छा प्रयास है। लेकिन अगर ज्यादा सख्ती की गई तो खुदरा निवेशक अवैध डब्बा ट्रेडिंग या गैंबलिंग साइट्स का रुख कर सकते हैं। इससे सरकार को टैक्स का नुकसान होगा।– राजीव सिंह, कोफाउंडर
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