मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को भिक्षावृत्ति से विमुक्त हुए बच्चों को ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ और स्माइल परियोजना के प्रमाण पत्र एवं शैक्षणिक किट वितरित की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भिक्षावृत्ति बच्चों के भविष्य के लिए खतरनाक है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राचीन काल में भिक्षाटन भारतीय परम्परा का हिस्सा थी। इसके माध्यम से एक संन्यस्त व्यक्ति अपने अहंकार को त्यागकर समाज के दर्शन को समझ पाता था। आज भिक्षावृत्ति बच्चों के भविष्य के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि बच्चों को दिव्यांग बनाकर उनसे जबरन भिक्षावृत्ति करवाने वाले गिरोहों के खिलाफ हमारी सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है। साथ ही भिक्षावृत्ति विमुक्त हुए बच्चों को सरकार प्लेटफार्म दे रही है। स्माइल परियोजना इसी लिए प्रारंभ हुई है। सीएम योगी ने कहा कि जीवन में यदि सफल होना है तो हमें सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए। कोई भी कार्यक्रम तभी सफल हो सकता है जब हम उसे पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाते हैं। पिक एंड चूज ना हो, किसी के साथ भेदभाव ना हो और अनावश्यक सिफारिशें न हों। मेरिट के आधार पर कार्य हों तो लखनऊ को हम भिक्षावृत्ति से मुक्त कर लेंगे। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के पुनर्वास के लिए विभागों को कार्य करना चाहिए। पटरियों पर सोने वालों को रैन बसेरों में ले जाएं। हर व्यक्ति का जीवन अमूल्य है। एक अच्छा इंसान ही एक अच्छा डॉक्टर, इंजीनियर और अच्छा अधिकारी बन सकता है। शासन के योजनाए लोगों तक पहुंचे इस बात का विशेष ध्यान रखें।
सीएम योगी ने कहा कि रजिस्टर्ड श्रमिकों और अपने अभिभावकों को खो चुके बच्चों के लिए हमारी सरकार अटल आवासीय विद्यालय बना रही है। इस विद्यालय में सीबीएसई पैटर्न पर बच्चों को कक्षा एक से लेकर 12वीं तक शिक्षा मुफ्त में दी जा रही है। उन्होंने कहा कि भिक्षावृत्ति समस्या का समाधान नहीं है, समस्या का समाधान परिश्रम है। सही दिशा का चयन कर जो लोग अपनी घर गृहस्थी संभालने के साथ-साथ अपनी आजीविका को बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं वो सफल हो रहे हैं। प्रदेश में ही ऐसे बहुत उदाहरण आपको देखने को मिल जाएंगे। ऐसा ही एक उदाहरण बीसी सखी योजना के अंतर्गत हम देख सकते हैं। सुल्तानपुर जनपद की एक बीसी सखी ने अपना टर्नओवर इतना बढ़ाया है कि वह हर महीने 1.20-1.30 लाख रुपए कमीशन कमा रही है। दस वर्ष चिनहट रामलीला मैदान में रहने वाली माही ने अपनी कहानी सुनाते हुए कहा कि पहले जब हम भिक्षा मांगते थे कि तो लोग हमें डांटकर भगा देते हैं। मुख्यमंत्री जी और उत्तर प्रदेश सरकार की वजह से हमें स्कूल में एडमिशन मिला और आज हम पढ़ पा रहे हैं। माही ने बताया की वह पढ़ लिखकर डॉक्टर बनना चाहती हैं।
12 वर्ष के इकबाल ने अपने परिवार की कहानी सुनाते हुए कहा कि अभाव की वजह से उसके पिता का ठीक से इलाज नहीं हो पाया था। इसलिए वह पढ़ लिखकर डॉक्टर बनना चाहते हैं। इकबाल ने संकल्प लेते हुए कहा कि अगर वह डॉक्टर बन गए तो हर बीमार व्यक्ति का एक रुपए में इलाज करेंगे। सरकार की योजनाओं के माध्यम से मिले लाभ पर इकबाल ने सीएम योगी को धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम में शामली के बच्चों की एक अभिभावक काजल ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि अशिक्षा और कोई कौशल न होने कारण पहले वह भीख मांगती थी। उन्होंने कहा कि योगी जी की सरकार ने सहारा दिया तो आज वह सिलाई करने में कुशल हो गईं। आज उन्हें किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ता है। अपनी मेहनत से अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं। इसके लिए काजल ने सीएम योगी का आभार जताया। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्या, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह और महापौर सुषमा खरकवाल मौजूद रहीं।
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