लखनऊ। सिर्फ एक साल और इंतजार करिए, फिर आप लखनऊ से कानपुर का सफर मात्र 35 से 45 मिनट में पूरा कर सकेंगे। इस दौरान जगह-जगह जाम में भी नहीं फंसना पड़ेगा। एलीवेटेड रोड पर चढ़ने के बाद कोई बाधा मार्ग में नहीं आने वाली। 63 किमी. का सफर कब पूरा हो जाएगा, वाहन चालक को पता भी नहीं चलने वाला। क्योंकि एक्सप्रेस वे 6 लेन का होगा। इस एक्सप्रेस वे पर चलने के लिए डेढ़ गुना टोल देना पड़ेगा। क्योंकि सामान्य राष्ट्रीय राजमार्ग से एक्सप्रेस वे पर चलना थोड़ा महंगा होता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण NHAI ने लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे का कार्य 50 फीसद से अधिक पूरा कर लिया है।
NHAI अगर इसी रफ्तार से काम करती रही तो जून 2025 में यह एक्सप्रेस वे जनता के लिए शुरू हो जाएगा। इस एक्सप्रेस वे को बनाने के लिए लखनऊ, उन्नाव के 44 गांवों की 482 हेक्टेयर जमीन से यह ग्रीन फील्ड बनाया जा रहा है। कई लाख लोगों को एक्सप्रेस वे बनने से सहूलियत मिलेगी। इस जमीन को अधिग्रहित करने में 598 करोड़ रुपये सरकार ने मुआवजे के तौर पर किसानों को आवंटित किए हैं।
लखनऊ से यह एक्सप्रेस वे सैनिक स्कूल के पास से एलीवेटेड रोड के रूप में शुरू होता है, जो बनी तक गया है। इसके बाद बचा हुआ मार्ग ग्रीन फील्ड है। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक सौरभ चौरसिया ने बताया कि काम तो 50 फीसद से ऊपर हो चुका है। मौसम ठीक होते ही काम की गति अभी और बढ़ेगी। प्रयास है कि निर्धारित समय से पहले प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाए।
फर्रुखाबाद चिल्लावां, अमौसी, गौरी, गेहरु, नटकुर, मीरनपुर पिनवट, बंथरा सिकंदरपुर, खंडेदेव, सराय शाहजादी, बनी, तेंदुआ हिरन कुड्डी, बजेहरा, हसनपुर, हिनोरा, बच्चौरा, बीकामऊ, कंठा, काशीपुर, कुदीकापुर, मैदपुर, मिनकापुर, रायपुर, सरवन, सरैया, तुरी राजा साहेब, तुरिचाबिनाथ, अदेरवा खास, अमरसास, अटा, बंथर, बेहटा, गौरी शंकरपुर ग्रांट, जघेटा, कडेर पाटेरी, करौंदी, मोहद्दीनपुर, नेवरना, पडरी खुर्द, पाठकपुर, शिवपुर ग्रांट, तौरा, कोरारी कलन आदि गांवो की बहुत जमीने गईं हैं.
More Stories
मकरसंक्रांति के उपलक्ष्य में लगातार 13वां विशाल भंडारा हुआ आयोजित
Ind vs NZ: New Zealand script history with a Test win in India after 36 years
भारत तिब्वत सहयोग मंच द्वारा नवम्बर माह में आयोजित होगी तेहरवीं तवांग तीर्थ यात्रा